फतेहाबाद में कृषि विभाग के एडीओ ने फांसी लगाकर कर ली आत्महत्या
सिरसा के डबवाली में एक दिन पहले ही एडीओ के खिलाफ धोखाधड़ी का दर्ज किया हुआ था केस
कृषि एवं कल्याण विभाग के कृषि विकास अधिकारी की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई। उसका शव संदिग्ध परिस्थितियों में उनके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका पाया गया। इसकी सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची।
घटना हरियाणा के फतेहाबाद के भट्टू क्षेत्र के की है। बताया जा रहा है कि पुलिस मौके पर पहुंची तो कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था। एडीओ पीलीबंगा राजस्थान के रहने वाले हैं। बता दें कि एडीओ के खिलाफ सिरसा की सदर डबवाली पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में धारा विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया है।
बताया जा रहा है कि कृषि विभाग भट्टू मंडी के कृषि विकास अधिकारी यानि एडीओ विशाल भादू भटटू के मॉडल टाऊन में किराये के मकान पर रहता था। उसके कमरे का गेट बंद मिला। काफी आवाज लगाने पर ही गेट नहीं खुला तो इसके बाद पुलिस को सूचना दी।
डबवाली में हुआ केस दर्ज
बता दें कि बीत दिन डबवाली सदर पुलिस ने वहां चार्ज पर रह चुके एडीओ विशाल भादू, कृषि विभाग के सुपरवाइजर, राजस्व विभाग के एक पटवारी व 14 किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया था।
यह केस सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर राजेश कुमार की शिकायत पर मामला दर्ज किया था। सीएम फ्लाइंग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि उन्होंने वर्ष 2021 खरीफ की प्रति हेक्टेयर रिपोर्ट, पटवारी द्वारा तैयार गिरदावरी रिपोर्ट, मुआवजा राशि की रिपोर्ट और किसानों द्वारा डाले गए मुआवजा की रिपोर्ट का अवलोकन किया।
इसमें गांव पाना में गिरादवरी रिपोर्ट के मुताबिक 40 हेक्टेयर में ही धान की फसल बिजाई की थी, जबकि किसानों द्वारा 104.71 हेक्टेयर भूमि में धान की फसल बताई गई।
इसके बाद 37 लाख से ज्यादा का बीमा क्लेम ले लिया। पटवारी की खराबा रिपोर्ट में 2021 में पाना गांव में 550 हेक्टेयर में नरमा बिजाई की हुई थी, जिसमें 34 से 50 फीसद नुकसान थो।
सीएम फ्लाइंग के सब इंस्पेक्टर के मुताबिक किसानों ने कॉटन का क्लेम सरकार से व धान का मुआवजा बीमा कंपनी से गलत ढंग से लिया हुआ था। और किसानों ने कृषि विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों से मिलीभगत कर झूठे दस्तावेज तैयार कर लिए गये। इसी को लेकर पुलिस ने 17 व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।