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खेती में सफलता के मूल मंत्र जो आपको दिलाएंगे बड़ा फायदा

AGRICULTURE
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खेती में सफलता के मूल मंत्र जो आपको दिलाएंगे बड़ा फायदा, इनको धनी किसान सबसे अधिक छुपाते है

इस तरीके से करे खेती तो मिलेगा फायदा ही फायदा

 

किसान कड़ी मेहनत करता है इसके बाद भी उसे कुछ भी नहीं बचता है। किसान ही है जो 24 घंटे यानि हर समय अपनी खेती की चिंता में रहता है।

 

देश में वर्तमान वक्त में आधी से ज्यादा आबादी खेती पर निर्भर है लेकिन फिर भी खेती को घाटे का सौदा क्यों कहा जाता है, आज आपको मूल मंत्र को जरूर जाने। यदि आपके पास किसी भी क्षेत्र में अच्छी स्किल होगी तो आप वहां पर मोटी कमाई करेंगे। यह निर्भर नहीं करता है कि आप खेती करते हैं या जॉब करते हैं या अपना स्वयं का एक व्यापार करते हैं।

 

 

आपको बता दें कि खेती में इसलिए किसान असफल हो जाता है क्योंकि वह परम्परागत तरीके से खेती करता आ रहा है। यदि आप भी भेड़ बकरियों वाली चाल चलेंगे तो यही हाल होगा जो वर्षों से किसानों का हाल होता आया है। हम चाहते हैं कि आपकी भी आमदनी बढे और देश की इकोनॉमी में भी आपका महत्वपूर्ण योगदान हो।

 

यदि आप चाहते हैं की कर्ज से आपको छुटकारा मिले खेती में आपको घाटा ना सहना पड़े सिर्फ लाभ ही लाभ हो, तो इन पांच मूल मंत्रो का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करें।

 

 

आपको बता दें कि किसान अक्सर यह गलती करते हैं कि एक फसल की खेती करने के बाद फिर दूसरी फसल की खेती करता है फिर तीसरी और चौथी लगातार यही क्रिया चलती रहती है। यानि किसान मिट्टी से यह नहीं पूछता है कि उसे किस न्यूट्रिशन की जरूरत है उसमें आयरन की कमी है, सल्फेट की कमी है, नाइट्रोजन की कमी है या जिस भी उर्वरक की कमी हो मिट्टी की आवश्यकता को पूरी करनी चाहिए। इसके लिए समय समय पर मिट्टी की जांच बहुत ही जरूरी है।

 

 

 

एक फसल की खेती करने के बाद दूसरी फसल की खेती भी तीसरी फसल की खेती करता रहता है और कभी भी मिट्टी की जांच नहीं करता है की मिट्टी में क्या-क्या कमी है ताकि अगली फसल बोने पर उस फसल से अच्छा प्रॉफिट कमाई जा सके।

 

 

आपको बता दें कि मिट्टी का पीएच चेक करने के लिए आप अपने खेत के चारों कोनों से और मध्य से मिट्टी लीजिए और इसका परीक्षण करवाइए और यह जानकारी लीजिए कि आपके खेत की मिट्टी में किसकी कमी है और किसकी अधिकता है। इसी के साथ साथ खेत में जिस भी बोरवेल से पानी की सिंचाई करते हैं उस पानी का भी परीक्षण करवाइए।

 

 

गर्मी के मौसम में खेत की गहरी जुताई करें, इससे आधी समस्या तो इस जुताई से ही खत्म हो जाती है। दीमक , घास , कीटपतंग इन सभी का कड़ी धुप लगने के कारण खत्म हो जाएंगे। जिस कारण आपको महंगे-महंगे कैमिकल खरीद कर उसका छिड़काव फसल में करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

 

 

अपने खेत में ऑर्गेनिक खाद का इस्तेमाल करें। इससे खेत की गुणवत्ता बनी रहती है साथ ही आपके खेत का पीएच मान भी संतुलित रहता है। गर्मियों में गहरी जुताई करने के बाद अपने खेत में ढेचा की बुवाई करें अथवा आप कोई भी दलहनी फसल लगाए।

 

फसल की शुरुवात में अच्छी ग्रोथ कीजिए और जब फसल 3 से 4 फीट की हो जाए तो उसे फसल की जुताई ककरें। रोटावेटर से या किसी भी उपकरण से, यह खेत को बहुत ही अच्छा फायदा पहुंचाएगा।

 

 

ऐसा करने से खेत में अधिक खाद डालने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, और फसल का उत्पादन भी बेहतरीन होगा।

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