हरियाणा : सिरसा में बीमा क्लेम की मांग को लेकर पानी की टंकी पर चढ़े किसानों ने कर दिया ये बड़ा ऐलान, 60 घंटे से बैठे पानी की टंकी
शुक्रवार से पांच किसान टंकी के नीचे बैठे आमरण अनशन पर
हरियाणा में सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा के अंदर पेयजल केंद्र में बनी पानी की टंकी पर चार किसान बैठे हुए हैं। किसान बीमा क्लेम की मांग को लेकर पिछले 60 घंटे से अधिक पानी की टंकी पर चढ़े हुए हैं। किसानों ने इसी बीच शुक्रवार को बड़ा ऐलान दिया है।
पानी की टंकी पर चढ़े किसानों ने कहा कि प्रशासन ने जबरदस्ती उतारने की कोशिश की तो नीचे छलांग लगा देंगे। वहीं नीचे धरना पर बैठे किसानों ने कहा कि हम किसानों के साथ है प्रशासन ने कोई कार्रवाई की तो हम भी बड़ा फैसला लेंगे। उन्होंने कहा कि अभी तक अधिकारियों ने किसानों की सुध नहीं ली है। किसानों की तबीयत भी बिगड़ रही है। क्योंकि पिछले दो रात से सो भी नहीं पा रहे हैं।
पांच किसान बैठे आमरण अनशन पर
नारायण खेड़ा गांव में चल रहे किसान धरने पर शुक्रवार को 5 किसान आमरण अनशन पर बैठ गये। आमरण अनशन पर किसान नन्दलाल ढिल्लो, ओमप्रकाश झुर्रिया, महावीर सिंह, सतबीर सिंह और बिजेंद्र सहारण पर बैठे।
किसानों का झलका दर्द
पानी की टंकी पर चढ़े किसान काफी परेशानी झेल रहे हैं। पानी की टंकी पर जगह जहां कम हैं, यानि यहां पर डेढ़ फुट जगह है, वहीं कबूतरों की बीठ जगह जगह पर पड़ी हुई है। जिससे बदूब आ रही है। किसानों ने टंकी के ऊपर ही रात बिताई। वहीं दिन के समय दो किसानों की तबीयत बिगड़ गई है। किसान नरेंद्रपाल के बुखार व सांस लेने में दिक्कत आ रही है। वहीं किसान दीवान सहारण के पेट में दर्द है। वहीं किसान रात्रि के समय ऊंचाई पर सो नहीं पाए।
तकलीफ झेल रहे हैं
किसान भरत सिंह ने बताया कि टंकी पर रात्रि के समय काफी तकलीफ झेलनी पड़ी। रात्रि के समय नींद नहीं आ रही है। यहां पर कबूतरों की बीठ से बदूब आ रही है। वहीं जगह नहीं होने पर अच्छे से सो नही पा रहे हैं। दो किसानों को कुछ देर के लिए नींद आई।
वहीं नरेंद्रपाल सिंह व दीवान सहारण की तबीयत बिगड़ गई है। दीवान के पेट में दर्द है, जबकि किसान नरेंद्र पाल के बुखार व सांस लेने में परेशानी हो रही है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अधिकारी मौन है। अभी तक कोई भी स्पष्ट तौर पर जवाब नहीं आया है। यहां पर केवल ड्यूटी पर तहसीलदार तैनात है। उन्होंने ये भी कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होगी, तब तक कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार है।
बाल्टी की राशि से पहुंच रहे हैं सामान
बता दें कि गांव नारायण खेड़ा में बुधवार को 5:30 बजे से जलघर की टंकी पर चढ़े हुए हैं। किसानोंं तक आवश्यक सामान बाल्टी को रस्सी के सहारे ऊपर तक पहुंचाया जा रहा है। और किसानों का कहना है कि जब तक बीमा क्लेम उनके बैंक खातों में नहीं आएगा, तभी तक टंकी पर चढ़े रहेंगे।
किसानों की जायज मांग
धरना पर बैठे किसानों को संबोधित करते हुए गोकुल सेतिया ने कहा कि किसानों की मांग जायज है। सरकार किसानों की मांग अनदेखी कर रही है। सरपंच रीटा कासनियां ने कहा कि किसानों की मांग जल्द से जल्द पूरी करें नहीं तो कड़ा फैसला लिया जाएगा।
सुमित बैनीवाल ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि किसान खेतों में दिनरात मेहतन करता है। इसके बाद जब फसल खराब हो जाती है। तो समय पर बीमा क्लेम नहीं मिलता है। किसान पैसे देकर बीमा करवाता है।
नाथूसरी कलां की सरपंच रीटा कासनियां ने कहा कि किसान हक लड़ाई लड़ रहे हैं। मगर सरकार कोई ध्यान नहीं दे रही है।
अनेक लोग जत्थे में पहुंचे
टंकी पर चढ़े किसानों की सूचना दूसरे किसानों को मिली। बाइक व वाहनों के काफिले के साथ विभिन्न गांवों के किसान धरना स्थल पर पहुंचे। किसानों ने शुक्रवार क को परिसर में बैठकर दिनभर नारेबाजी की। किसानों ने जलघर के अंदर टेंट भी लगाया हुआ है। वहीं प्रशासन ने एंबुलेंस व फायर ब्रिगेड की गाड़ी मंगवाई हुई है।
तीन गांव के हैं चार किसान
गांव नारायण खेड़ा में बने जलघर की टंकी पर बुधवार को सुबह करीब साढ़े पांच बजे चार किसान पानी की टंकी पर चढ़ गये। इनमें गांव नारायण खेड़ा निवासी किसान भरत सिंह झाझड़ा, शक्करमंदोरी निवासी दिवान सहारण व नरेंद्र सिंह, गांव नाथूसरी कलां निवासी जयप्रकाश शामिल है।
किसान दे रहे हैं धरना
तहसील कार्यालय नाथूसरी चौपटा में बीमा क्लेम व मुआवजे को लेकर भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले 92 दिन से अनिश्चितकालीन धरना चल रहा है। किसानों के अनुसार किसानों की मांग है कि खरीफ 2022 फसल का बीमा क्लैम व मुआवजा जारी किया जाए, सीएससी सेंटर के द्वारा रद्द हुए बीमे को बहाल करें,.हर साल बीमा व मुआवजा देने की निश्चित तिथि तय की जा
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