इन सबके बीच अरविंद केजरीवालसरकार ने पुरानी शराब नीति को ही अगले 6 माह तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसका अर्थ यह है कि जो व्यक्ति प्राइवेट दुकानों के खुलने का इंतजार कर रहे थे उन्हें 6 माह का इंतजार करना होगा।
आपको बता दें कि पुरानी शराब नीति को हटाकर नई शराब नीति के तहत प्राइवेट प्लेयर्स को एंट्री मिली। लेकिन एलजी ऐतराज के बाद पुरानी शराब नीति को ही दोबारा अमल में लाया गया।
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रिपोर्ट के अनुसार पहले फाइल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आगे की मंजूरी के लिए एलजी वी के सक्सेना को फाइल भेजी जाएगी।
इस बीच सरकार को निर्देश थे कि वह 2023-24 के लिए एक्साइज पॉलिसी बनाए। गौरतलब है कि स्कैम के बाद नई शराब नीति की जगह दिल्ली सरकार ने जब दोबारा पुरानी नीति को अमल में लाने का फैसला किया उस समय विपक्षी दलों ने कहा था कि कहीं न कहीं कुछ तो गड़बड़ था।
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इन सबके बीच 48 प्रीमियन दुकानों से भी शराब मिल रही है जिन्हें मॉल्स और बड़े बाजारों में खोला गया है। अगर शराब से होने वाली बिक्री की बात करें तो दिल्ली सरकार को पिछले एक वर्ष में करीब 7285 करोड़ की आमदनी हुई है।