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सिरसा में मेला पीरां दां में कव्वालों ने बांधा समां

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सिरसा में मेला पीरां दां में कव्वालों ने बांधा समां, कोने कोने से लाखों श्रद्धालुओं ने पहुंचकर टेका मत्था

 

न चंदा लिया जाता और न ही पर्ची काटी जाती, बाबा जालपीर की कृपा से दरगाह पर हर काम व आयोजन भव्य रूप से पूरे होते है: गोबिंद कांडा

 

हरियाणा के सिरसा में गांव रंगड़ी स्थित बाबा जालपीर अब्दुल रहीम की दरगाह पर विशाल मेला पीरां दां का आयोजन किया गया। मेले में हरियाणा, पंजाब व राजस्थान से लाखों की संख्या में श्रद्धालुगण पहुंचे।

 

सभी भक्तजनों ने दरगाह पर मत्था टेककर दुआएं मांगी। इस दौरान विशाल भंडारा भी लगाया गया। मेला सुबह 10 बजे आरंभ हुआ और सारे दिन भंडारा चलता रहा।

 

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नामी कव्वाल साहिल गुलजार व सिकंदर संधू ने मेले में समां बांध दिया। कव्वालियों के साथ भक्तजन बाबा जी का जयकारा लगाते रहे। वरिष्ठ बीजेपी नेता गोबिंद कांडा भी पहुंचे। उन्होंने दरगाह पर चादर चढ़ाकर विश्व कल्याण की कामना की।

बाबा जालपीर अबदुल रहीम की दरगाह की मान्यता देशभर में

वरिष्ठ भाजपा गोबिंद कांडा ने कहा कि बाबा जालपीर अबदुल रहीम की दरगाह की मान्यता देशभर में हैं। देश के हर कोने से लाखों भक्तजन मेले मेंं  आते हैं।

 

उन्होंने कहा कि दरगाह के मुख्य सेवक बाबा बिहारी ने आयोजन को लेकर कभी चंदा नहीं लिया और न ही किसी की पर्ची काटी। बाबा की कृपा से दरगाह पर हर आयोजन व काम भव्य रूप से पूरे होते हैं।

 

जो भी शख्स बाबा जालपीर अबदुल रहीम की दरगाह पर मत्था टेकने आया उसका भला ही हुआ है। गोबिंद कांडा ने कहा कि हमारा परिवार भी दरगाह से जुड़ा हुआ है। हर मेले में परिवार का कोई न कोई शख्स जरूर आता है।

वहीं, भंडारे में पांच प्रकार की मिठाइयां, सब्जियां व पूडी प्रसाद स्वरूप परोसी गई। भंडारा चखने के बाद श्रद्धालुओं ने मेले में खरीदारी भी की। ब‘चों ने खिलौने खरीदे। नामी कव्वालों के भजनों पर भक्तजन झूमने पर मजबूर हो गए।

 

सेवादारों ने मेले में पूरी व्यवस्था बनाई हुई थी। भक्तजनों ने बताया कि जो भक्त स‘ची श्रद्धा से दरगाह में आकर मन्न मांगता है उसकी हर मुराद पूरी होती है।

मुराद पूरी होने पर हजारों भक्तों ने दरगाह पर प्रसाद व चद्दर चढ़ाई। गांव गांव रगड़ी खेड़ा के घर से लोग मेले में शिरकत करने आए। सभी ने स‘ची लगन से सेवा की।

 

महिलाएं और पुरुष दरगाह पर पहुंचे और मेले में सेवा करने जुट गए। महिलाओं के समूह ने लंगर के लिए रोटियां बनाई। पुरुष मिठाई बनाने और लंगर वितरित करने में सेवा भाव से लगे रहे। मत्था टेकने के बाद भक्तों को फल का प्रसाद दिया गया।

गौरतलब हो कि बता दें कि वर्ष में तीन बार बाबा जालपीर अबदुल रहीम की दरगाह पर मेले का आयोजन किया जाता है। मेले के दिन पूरा रंगड़ी खेड़ा गांव सेवा कार्य में जुट जाता है।

 

इस दिन गांव के किसी भी घर में भोजन नहीं  पकता। सभी ग्रामीण लंगर का प्रसाद ग्रहण करते हैं और हर घर में जलेबियों का प्रसाद वितरित किया जाता है।

 

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