विक्रम-प्रज्ञान को लेकर बड़ी खबर, चंद्रमा पर ढलने वाली है शाम, लौटेगी ठंडी रातें
जानिए क्यों नहीं जाग रहे विक्रम-प्रज्ञान
चंद्रयान 3 की चंद्रमा पर कामयाबी के बाद इसरो के वैज्ञानिक काफी खुश थे। अब इसरो की तरफ से चांद पर भेजे गए विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है।
विक्रम-प्रज्ञान अभी तक नींद से नहीं जागे हैं और शाम होने वाली हैं। क्योंकि अब जल्द ही चांद पर भयंकर ठंडी रात भी हो जाएगी। लेकिन विक्रम और प्रज्ञान का नहीं जागना चिंता का विषय बना हुआ है।
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आपको बता दें कि चंद्रमा पर 1 दिन धरती के 28 दिनों के बराबर होता है। ऐसे में 14 दिन बीत जाने के बाद फिर से चांद पर रात्रि होने वाली है लेकिन विक्रम और प्रज्ञान ने अभी तक कोई सिग्नल नहीं भेजा है।
विक्रम और प्रज्ञान अभी तक नींद से क्यों नहीं जाग रहे हैं
आपको बता दें कि पांच दिन बाद अस्त सूर्य अस्त हो जाएगा। इसका कारण वजह से चांद का दक्षिणी ध्रुव भी धीरे-धीरे भयंकर ठंडा हो जाएगा। यहां ठंडी रात की शुरुआत हो जाएगी।
चांद के दक्षिणी ध्रुव पर ही विक्रम और प्रज्ञान मौजूद हैं। विक्रम और प्रज्ञान के पास अब केवल 5 दिन बचे हैं. आज से ठीक 5 दिन बाद चांद पर फिर से रात्रि शुरू हो जाएगी।
विक्रम और प्रज्ञान कब से सो रहे हैं
आपको बता दें कि चांद पर जब रात्रि होती है तो यहां का तापमान माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है, अत्यधिक सर्दी में बैटरी और अन्य उपकरण खराब हो सकते हैं, 2 सितंबर को प्रज्ञान चंद्रमा पर सो गये थे।
प्रज्ञान 27 दिन से सोया हुआ है और विक्रम ने पिछले करीब 25 दिन से कोई सिग्नल नहीं भेजा है। बता दें कि विक्रम और प्रज्ञान सोने से पहले ही अपना कार्य पूरा कर चुके हैं। विक्रम और प्रज्ञान का दोबारा एक्टिव होना बड़ी उपलब्धि होगी।
ये भी है कारण विक्रम और प्रज्ञान
आपको बता दें कि विक्रम और प्रज्ञान को धरती से चंद्रमा पर 15 दिन की बैटरी की क्षमता के साथ भेजा गया था। विक्रम और प्रज्ञान अपने कार्य को बखूबी अंजाम दिया गया।
लेकिन रात्रि होने और बैटरी की क्षमता कम होने के कारण विक्रम और प्रज्ञान ने कार्य करना बंद कर दिया। हालांकि, वैज्ञानिकों को संभावना है कि विक्रम और प्रज्ञान में फिर ने न्यू एनर्जी का संचार होगा और सूरज की रोशनी से बैटरी चार्ज हो जाएगी।
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