गीतिका सुसाइड केस में बरी होने के बाद गोपाल कांडा ने ये कहा कि मेरे खिलाफ एक भी सबूत या कुछ नहीं था
गोपाल कांडा ने ये भी कहा…
हरियाणा के बहुचर्चित गीतिका सुसाइड केस में मंगलवार को राउज एवेन्यु कोर्ट फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने गीतिका सुसाइड केस में पूर्व गृह मंत्री गोपाल कांडा को कोर्ट ने बरी कर दिया है।
इसी के साथ एमडीएलआर कंंपनी में सीनियर मैनेजर रहे अरुणा चड्ढा को भी बरी कर दिया है। सिरसा के मौजूदा समय में गोपाल कांडा विधायक है।
गोपाल कांडा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ एक भी सबूत या कुछ नहीं था। यह सिर्फ और सिर्फ बनाया गया था। उन्होंने आगे ये भी कहा कि ये किस सोच से और क्यों बनाया गया था? ये कोर्ट ने आज फैसला दे दिया है। ये सबके सामने है।
इसके कुछ समय बाद गोपाल कांडा ने कहा कि मेरे खिलाफ कोई सबूत नहीं था। ये सब बनाया गया था। आपको ये भी बता दें कि गोपाल कांडा के वकील क्रस् मालिक ने कहा की पहले दिन से ही उनके क्लाइंट के खिलाफ एविडेंस नहीं थे।
आपको बता दें कि इस मामले में गोपाल कांडा 18 माह जेल में भी रह चुके हैं। 11 साल बाद आज कोर्ट ने अपना फैसला दिया है।
5 अगस्त 2012 को फांसी लगाकर आत्महत्या
आपको बता दें कि गोपाल कांडा की एयरलाइंस में कार्य करने वाली गीतिका ने 5 अगस्त 2012 को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इसके बाद गोपाल पर दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौन संबंध के आरोप लगे थे।
चली गई थी कुर्सी
आपको बता दें कि गीतिका सुसाइड मामले में आरोपी सिरसा के विधायक गोपाल कांडा तब हरियाणा की भूपेंद्र सरकार में प्रदेश गृह राज्यमंत्री हुआ करते थे। उस समय जब गीतिका सुसाइड मामला हुआ था।
इस मामले के बाद में नाम आने के बाद विधायक गोपाल कांडा को अपना गृहमंत्री का मंत्री पद छोड़ना पड़ा और उन्हें तिहाड़ जेल में रहना पड़ा।
GITIKA SUCIDE :- केस में पूर्व गृह मंत्री GOPAL KANDA को कोर्ट ने किया बरी