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HEALTH :- अचार को अगर आप भरपूर खाते हैं तो हो जाएं सावधान

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अचार को अगर आप भरपूर खाते हैं तो हो जाएं सावधान, इसमें मौजूद लैक्टिक एसिड बिगाड़ देगा आपकी तबीयत
लैक्टिक एसिड से शरीर में ये हो सकता है नुकसान

ऐसा कोई घर नहीं होगा, जहां पर अचार का स्टाक न हो। लोग अचार को बड़ा ही पसंद करते हैं। इसके लिए पहले से अचार बना कर रखते हैं। इसके बाद जहां भी जाते हैं। अचार को डिब्बे में भर लेते हैं। लोग चावल, रोटी और पराठे के साथ इसे खाने का अलग ही लुत्फ आता है। क्या आपको पता है कि अचार में लैक्टिक एसिड होता है, यह हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

आज आपको बता दें कि अचार के लैक्टिक एसिड से साइड इफेक्ट्स पर नजर डालते हैं। क्योंकि लैक्टिक एसिड एक मुख्य ऑर्गेनिक एसिड है जो हमारे शरीर में मौजूद होता है और खून में मिलता है। यह एक अहम एनर्जी सोर्स के रूप में काम करता है जब हमारे शरीर को इसकी होती है, लेकिन शरीर में इसका सिक्रीशन एक लिमिट से ज्यादा हो जाए तो परेशानी पैदा कर सकता है।

लैक्टिक एसिड के शरीर में ये हैं नुकसान

ऑक्सिडोसिस
आपको बता दें कि हद से ज्यादा लैक्टिक एसिड के कारण शरीर में अक्सिडोसिस की स्थिति हो सकती है, जिसमें खून का पीएच लेवल बिगड़ सकता है, यह कमजोरी, उल्टियां, दर्द का कारण बनता है

मांसपेशियों में कमजोरी
आपको बता दें कि लैक्टिक एसिड की वजह से मांसपेशियों में दर्द और मुड़ापन हो सकता है। जिससे डेली एक्टिविटीज पर भी असर पड़ेगा।

हाई ब्लड प्रेशर
ये भी बता दें कि हद से ज्यादा लैक्टिक एसिड का स्तर के कारण हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बढ़ा सकता है। इससे ऑक्सिडोसिस के कारण उल्टियां और मतली की शिकायत हो सकती है, जो आपको असहज करती है।

इनडाइजेशन
आपको बता दें कि ज्यादा लैक्टिक एसिड रिलीज होने पर पाचन संबंधित समस्याएं जैसे कि पेट दर्द, गैस, कब्ज वगैरह की शिकायत हो सकती है। इसी के साथ ऑक्सिडोसिस के कारण मुंह सूखने की समस्याएं हो सकती हैं, जो खाने पीने में तकलीफ पैदा कर सकती हैं।

हार्ट डिजीज
आपको बता दें कि अत्यधिक लैक्टिक एसिड से दिल से जुड़ी बीमारियां भी पैदा कर सकते हैं, जैसे कि चेस्ट पेन और अनियमित दिल की धडक़न। इसी के साथ साथ लैक्टिक एसिड के अधिक सेवन से सिरदर्द और चक्कर आने की समस्या हो सकती है, इसलिए इसे ज्यादा न खाएं।

कमजोर हड्डियां व तापमान में बदलाव
आपको बता दें कि ज्यादा लैक्टिक एसिड स्थायी रूप से हड्डियों की स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे हड्डियों में कमजोरी आ सकती है। तापमान में बदलाव अगर आपके शरीर में  लैक्टिक एसिड का लेवल बढ़ जाए तो इससे बॉडी टेम्प्रेचर चेंज हो सकता है।

 

 

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