आदित्य एल 1 मिशन में किसी ने तैयार किया इंजन तो किसी ने दिए इंस्ट्रूमेंट्स
आदित्य एल 1 मिशन में इन सरकारी कंपनियों ने दिखाया जलवा
सूर्य के लिए आदित्य एल-1 निकला हुआ है। अभी आदित्य एल-1 स्पेस सफर कर रहा है। इंडिया का प्रथम सूर्य मिशन आदित्य एल-1 स्पेस में पहुंच गया है।
आपको बता दें कि इंडिया ने 2 सितंबर को यह शानदार सफलता हासिल की थी। इस मिशन का पर जो बजट खर्च किया गया है। वह करीब 400 करोड़ रुपये है।
लेकिन इस मिशन में जितना योगदान इसरो के वैज्ञानिकों का है, उतना ही केरल के केल्ट्रॉन सहित चार पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग यानी पीएसयू (सरकारी कंपनियां) का भी है।
केरल राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड (केल्ट्रॉन), स्टील एंड इंडस्ट्रियल फॉरगिंग्स लिमिटेड (एसआईएफएल), त्रावणकोर कोचीन केमिकल्स (टीसीसी) और केरल ऑटोमोबाइल्स लिमिटेड के भारत में बनाए गए प्रोडक्ट्स का ही आदित्य एल-1 मिशन में प्रयोग हुआ है। पीएसयू की इस उपलब्धि का प्रदेश के उद्योग मंत्री पी. राजीव ने एक फेसबुक पोस्ट में जिक्र किया गया है।
इस पोस्ट में मंत्री ने कहा कि केल्ट्रोन ने 38 इलेक्ट्रॉनिक मॉड्यूल तैयार किया, जिसका इस्तेमाल पीएसएलवी-सी57 लॉन्च व्हीकल में किया गया था.
अब इसका उपयोग आदित्य एल 1 को स्पेस में भेजने के लिए किया गया है। इसी के साथ साथ केल्ट्रॉन ने मिशन के लिए जरूरी अलग-अलग तरह के इलेक्ट्रॉनिक्स मॉडल के लिहाज से टेस्ट सपोर्ट भी दिया।
राजीव ने कहा कि आदित्य एल 1 लॉन्च व्हीकल के अलग-अलग फेज के लिए फोर्जिंग को एसआईएफएल ने भारत में ही तैयार किया था। ‘फोर्जिंग’ धातु को पीटकर या प्रहार कर उसे अंतिम आकार देने की प्रक्रिया होती है.
उन्होंने कहा कि एसआईएफएल ने लॉन्च व्हीकल के प्रोपेलेंट टैंक, इंजन और रॉकेट बॉडी के लिए कई अन्य फोर्जिंग और कंपोनेंट्स को भी स्वदेशी रूप से तैयार किया है। केल्ट्रोन और एसआईएफएल के अलावा टीसीसी ने भी मिशन में अहम भूमिका निभाई है।
केएएल ने सप्लाई किए कंपोनेंट्स
मंत्री ने बताया कि प्रदेश की इस कैमिकल कंपनी ने प्रोजेक्ट के लिए जरूरी 150 मीट्रिक टन सोडियम क्लोरेट क्रिस्टल की सप्लाई की है। अपनी पोस्ट में कहा कि इन सबके अलावा रॉकेट के सैटेलाइट सेपरेशन सिस्टम के लिए जरूरी अलग-अलग कंपोनेंट्स की सप्लाई केएएल ने की थी।
(इनपुट-एजेंसियां)
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