सिरसा के चिकित्सक डा संजीव गोयल की पक्षियों से अनोखी दोस्ती, एक चिडिय़ा से उनके घर पर आ गई अनेक चिडिय़ा
घर की दीवार में बना दिये घोंसले, पक्षी प्रेमी डा. संजीव गोयल को विदेशी पक्षियों से भी प्रेम
हर कोई व्यक्तिअपनी दिनचर्या अगल तरीके से करते हैं। हरियाणा में सिरसा जिले के चिकित्सक दंपति की शुरूआत को देखकर आप हैरान ही नहीं दंग रह जाएंगे। क्योंकि सुबह उठते ही चाय नाश्ता से पहले पक्षियों के लिए दाना पानी का प्रबंध करते हैं। उनके घर पर सूर्य की किरणों के साथ ही चिडय़िों व अन्य पक्षियों की चहचाहट सुनाई देना शुरू हो जाती है।

आपको बता दें कि ऐसा सीन किसी चिड़ियाघर में नजर आता है। अब यही नजरा राम कॉलोनी में चिकित्सक दंपति आवास पर देखने को मिलता है। डॉ. संजीव गोयल व उनकी पत्नी शफीना का पक्षियों के प्रति अनोखा प्रेम है। बेजुबानों की संरक्षण के जुनून में 20 साल से आधे घर में पक्षियों के रहने के लिए घोसलें बनाए हुए हैं।
आवास में बनी दीवारों पर घोंसले नजर आते हैं। आंगन के बगीचे में पेड़- पौधों पर दाना- पानी का प्रबंध है। जहां 24 प्रजातियों के पक्षी रहते हैं। इनमें गौरैया सहित तोता- मैना, कबूतर व कोयल पक्षियों की चहचहाट सुनी जा सकती है। उनके पक्षी प्रेम किस्से सुनकार उनके घर पर देखने के लिए पहुंचते हैंं। डा. दंपति पक्षियों को अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं। एक बात ओर भी है कि विलुप्त होती चिडिय़ा प्रजाति को बचाने की उनकी ये मुहिम शायद रंग लाएगी।
पक्षी प्रेमी डॉ. संजीव गोयल ने बताया कि आंगन में एक घायल गौरेया गिर पड़ी। उसे पानी पिलाकर जान बचाई। इसी दौरान पक्षियों के चहचहाने पर वार्तालाप होने लगा। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग मामी बताने लगी कि पहले चूल्हे पर खाना बनाते थे, चिड़ियां आ जाती, हम उनको आटा डालते और खाकर उड़ जाती थी।
उन्होंने बताया कि गांवों में कच्चे मकानों की छतों में घौंसले थे, लेकिन अब कई साल बाद चिड़िया को देखा है। बुजुर्गों की बातों ने मेरे मन में विलुप्त होती पक्षियों की प्रजाती के प्रति प्रेमभावना जागृत किया। वर्ष 2006 में घर के आधे हिस्से में पक्षियों के आशियानें बनवाए, जहां दीवारों पर घौंसलें लगे हैं और आंगन में पेड़- पौधों पर पक्षियों की खातिर दाना- पानी का इंतजाम करते हैं। सुबह से शाम तक पक्षियों के चहचहाने का माहौल रहता है। जिसे सुन खुशी और मन को शांति मिलती है। उनके दाने-पानी का इंतजाम अब उनकी दिनचर्या बन गया है।
विदेशी पक्षियों को भी देखने जाते हैं
पक्षी प्रेमी संजीव सर्दी के मौसम में जहां पर भी विदेशी पक्षियों के आने की सूचना मिलती है। इसके बाद वहां पर देखने के लिए चल पड़ते हैं। सिरसा में सर्दी के मौसम में लुदेसर, लोहगढ़ व ओटू झील पर पक्षी आते हैं। उन्हें देखने के लिए डा. संजीव व उनकी पत्नी देखने के लिए पहुंचते हैं। डा. संजीव को लगभग सभी पक्षियों की प्रजाति के बारे में जानकारी है कि किस देश का कौन सा पक्षी है।