भगवान श्री वाल्मीकि जयंती पर निकाली विशाल शोभायात्राएं
वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने शोभायात्राओं को दिखाई धर्मध्वजा
गोशाला मोहल्ला में गेट निर्माण के लिए दी 01 लाख रुपये की धनराशि
वाल्कीकि चौक पर आयोजित समारोह में दिया 51 हजार रुपये का आर्थिक सहयोग
सिरसा, 28 अक्तूबर। भगवान वाल्मीकि आश्रम ट्रस्ट गोशाला मोहल्ला की ओर से भगवान श्री वाल्मीकि जयंती को लेकर शुक्रवार शाम को विशाल शोभायात्रा निकाली गई जिसके विधायक, पूर्व गृहराज्यमंत्री एवं हलोपा सुप्रीमो गोपाल कांडा के अनुज वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने ध्वजा दिखाकर रवाया किया।
उन्होंने विधायक गोपाल कांडा की ओर से गेट निर्माण के लिए एक लाख रुपये की धनराशि निजी कोष से दी। दूसरी ओर वाल्मीकि चौक पर आयोजित समारोह में भी गोबिंद कांडा ने शोभायात्रा को ध्वजा दिखाई साथ ही आयोजन समिति को 51 हजार रुपये की सहयोग राशि भेंट की।
भगवान वाल्मीकि आश्रम ट्रस्ट गोशाला मोहल्ला की ओर से आयोजित समारोह में वरिष्ठ भाजपा नेता गोबिंद कांडा और उनके सहयोगी हरमंदर सिंह मराड, राजेंद्र सिंह उर्फ पप्पू रांझा, नरेंद्र कटारिया, नवदीश गर्ग, लक्ष्मण गुज्जर, हरिप्रकाश शर्मा, विजय यादव, विकास तनेजा, मासूम चौहान आदि के पहुंचने पर प्रधान कुलदीप कागडा, संगीतकार तुलसी अनुपम,उप प्रधान बाबूराम क ंडारा, सचिव अजय परोचा, सौरभ बागडी, राजेश कंडारा, सिकंदर, रामअवतार, जयकिशोर, रविदास सभा के प्रधान राकेश कुमार, स्वामी रमेश साहुवाला, पूर्व पार्षद रोहताश आदि ने उनका स्वागत किया।
गोबिंद कांडा ने भगवान वाल्मीकि मंदिर में पूजा अर्चना की और आरती की। उन्होंने विधायक गोपाल कांडा की ओर से गेट निर्माण के लिए 01 लाख रुपये की धनराशि निजी कोष से दी।
इस मौके पर गोबिंद कांडा ने मौजूद श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि महर्षि वाल्मीकि वाल्मीकि, संस्कृत रामायण के प्रसिद्ध रचयिता हैं जो आदिकवि के रूप में प्रसिद्ध हैं।
उन्होंने संस्कृत मे रामायण की रचना की। महर्षि वाल्मीकि द्वारा रची रामायण वाल्मीकि रामायण कहलाई। रामायण एक महाकाव्य है जो कि श्री राम के जीवन के माध्यम से हमें जीवन के सत्य व कर्तव्य से, परिचित करवाता है। प्रथम संस्कृत महाकाव्य की रचना करने के कारण वाल्मीकि आदिकवि कहलाये। वाल्मीकि जी ने 24000 श्लोकों में श्रीराम उपाख्यान ‘रामायण’ लिखी।
गोबिंद कांडा ने कहा कि भगवान वाल्मीकि ने अपने महाकाव्य रामायण में उन्होंने अनेक घटनाओं के समय सूर्य, चंद्र तथा अन्य नक्षत्र की स्थितियों का वर्णन किया है।
इससे ज्ञात होता है कि वे ज्योतिष विद्या एवं खगोल विद्या के भी प्रकांड ज्ञानी थे। इससे पूर्व उन्होंने भगवान वाल्मीकि प्रगटोत्सव पर मौहल्ला चंडीगढिय़ा आईटीआई रोड निरंकारी भवन के सामने आयोजित समारोह में गोबिंद कांडा ने शोभायात्रा को ध्वजा दिखाकर रवाना किया।
इस मौके पर राजू प्रधान, शिशुपाल चिंडालिया, प्रेम अटवाल, वीर शांतिस्वरूप, जसबीर बागडी, सदानंद, आयाराम, पृथ्वी ठेके दार, पवन वाल्मीकि, काका प्रधान, बृजलाल ठेकेदार, बालेश आदि ने उनका स्वागत किया। गोबिंद कांडा ने आयोजकों को 51 हजार रुपये की धनराशि सहयोग स्वरूप दी।
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