गांवों में बिना मंजूरी लिए बैगर गांवों में सडक़ या पक्की गली तोड़ी तो दर्ज होगी एफआईआर
मरम्मत के लिए जमा करवानी होगी राशि
अब गांवों के अंदर पेयजल के लिए पाइप लाइन डालने या अन्य विभिन्न कार्यों के लिए मनमर्जी से सडक़ और पक्की गली तोडऩा भारी पड़ सकता है। सरकार द्वारा ऐसे लोगों पर सख्ती बरतेगी। अगर गली की खुदाई करनी है तो पहले पंचायत से मंजूरी लेनी होगी। इसके साथ ही तोड़ी गई गली की मरम्मत पर होने वाला खर्च भी खुद को करना पड़ेगा।
जारी कर दिए ये निर्देश
इसी के साथ गलियों को क्षतिग्रस्त होने से बचाने के लिए विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने सभी उपायुक्तों को निर्देश जारी किए हैं। पत्र में कहा गया है कि अब नए प्रविधानों के तहत ही पंचायतें गली तोडऩे की मंजूरी देंगी।
गली को ठीक करने के लिए कितना पैसा खर्च होगा, इसका एस्टीमेट कनिष्ठ अभियंता से बनवाया जाएगा। इसके बाद जितना पैसा खर्च होगा, गली तोडऩे वाले व्यक्ति को पंचायत के खाता में जमा करवाना होगा। में
केस होगा दर्ज
अब गली तोडऩे पर सख्त नियम बना दिए गये हैं। पंचायत की मंजूरी बगैर सडक़ तोडऩे वालों पर एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी। जो भी व्यक्ति पंचायत की अनुमति के बिना गलियों को क्षतिग्रस्त करता है तो उसके खिलाफ पंचायती राज अधिनियम 1995 के तहत पुलिस में मामला दर्ज करवाया जाएगा।
अगर किसी व्यक्ति या सरकारी विभाग को किसी काम के लिए सडक़ या पक्की गली को तोड़ा है तो इसकी अनुमति ग्राम पंचायत देगी। संबंधित व्यक्ति पंचायत को लिखित में बताएगा कि उसे किस काम के लिए गली का कितना हिस्सा तोड़ा जाना है।