आई फ्लू: उमस भरी गर्मी में तेजी से बढ़ रहा है आई फ्लू , आई फ्लू से रहे सावधान
आई फ्लू बच्चों की आंखों को पहुंचा सकते हैं नुकसान, आई फ्लू से रहे सावधान
आई फ्लू अब तेजी से बढ़ रहा है। इसके लिए अभी सावधानी जरूरी है। इसके लिए दूसरे के संपर्क में आने से बचाव करें। इसी के साथ काली चश्मा का प्रयोग करें। बता दें कि बाढ़ ग्रस्त इलाकों में उमस के कारण आई फ्लू तेजी से बढ़ रहा है।
आपको बता दें कि 25 घंटे में 631 गांव और 33 शहरी क्षेत्रों में 425 नए केस आए हैं, जिसके बाद मरीजों की संख्या 7148 तक पहुंच गई है। हरियाणा में बाढ़ग्रस्त इलाकों में अब तक बुखार के 12284 केस आ चुके हैं।
आजकल आई फ्लू का दायर लगातार बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा शिक्षण संस्थानों में बच्चों के एक दूसरे के संपर्क में आने से हो रहा है। इसके लिए बहुत ही सचेत रहने की जरूरत है। आपको अपने बच्चों की तरफ विशेष ध्यान देना होगा। अगर आपके बच्चे की आंखें लाल दिख रही हैं या नेत्र में कीचड़ आ रहा है तो सावधान होना होगा। उसकी आंखों में कंजंक्टिवाइटिस के वायरस का संक्रमण हो सकता है।
तेजी से फैल रहा है
नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार इस साल कंजंक्टिवाइटिस ज्यादा संक्रामक है और तेजी से फैल रहा है। बच्चों में इस वायरस के संक्रमण का खतरा काफी ज्यादा है। आई फ्लू के मरीजों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। तेज बरसात और बाढ़ की वजह से तमाम जगहों पर आई फ्लू का दायर बढ़ रहा है।
छोटी आयु के बच्चे चपेट में ज्यादा
बता दें कि कम आयु के बच्चे आई फ्लू की चपेट में सबसे ज्यादा आ रहे हैं, आई फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है, जिसे मेडिकल की भाषा में कंजक्टिवाइटिस कहा जाता है, एक सेल्फ लिमिटिंग इंफेक्शन होता है, जो एक से दो सप्ताह में अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि इसे लेकर लोगों के दिमाग में कई गलतफहमी भी हैं।
आपको बता दें कि कंजक्टिवाइटिस वायरल इंफेक्शन है, इसकी वजह से लोगों की आंखें लाल हो जाती हैं, उनमें से फ्लूड निकलने लगता है, खुजली होती है और सूजन आ जाती है। आंखों में लाइट सेंसिटिविटी और इरिटेशन की समस्या भी हो सकती है, ये भी बता दें कि कंजक्टिवाइटिस आंखों के लिए खतरनाक नहीं होता है।
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