देशभर में छा गई सिरसा के गांव घोड़ावाली की बेटी कोमल वर्मा, मिला बेस्ट योगासन कोच अवॉर्ड
बेस्ट योगासन कोच अवॉर्ड प्राप्त करने वाली हरियाणा की एकमात्र योगा कोच है कोमल वर्मा
म्हारे प्रदेश की छोरिया किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है। हर क्षेत्र में अपना लोहा मनावा रही है। अब हरियाणा में सिरसा जिले के घोड़ावाली की जेबीटी हैड शिक्षक की पंचकुला में कार्यरत की बेटी योगा कोच कोमल वर्मा को योगा फेडरेशन योगासन इंडिया की ओर से साल 2023 के लिए नेशनल बेस्ट योगासन कोच अवॉर्ड से सम्मानित हुई है।
आपको बता की सारे इंडिया से महिला वर्ग में तीन प्रशिक्षकों को यह अवॉर्ड मिला है, उनमें से हरियाणा के सिरसा जिला के रानियां ब्लॉक के गांव घोड़ावाली निवासी कोमल वर्मा है। हरियाणा से कोमल वर्मा को यह अवॉर्ड मिला है। देशभर में मिले तीन कोच में से दो अन्य कोच उत्तर प्रदेश व राजस्थान प्रांत से है।
कम समय में बड़ी उपलब्धि
आपको बता दें कि कोमल वर्मा ने यह उपलब्धि मात्र डेढ़ साल में हासिल की है। क्योंकि कोमल वर्मा पिछल्ले डेढ़ वर्ष से योगा के नेशनल खिलाड़ियों को तराश कर उनकी प्रतिभा निखार रही है।
सबसे बड़ी हैरानी की बात तो यह है कि कोमल वर्मा के परिवार की खेलों से जुड़ी पृष्ठभूमि नहीं है, लेकिन फिर भी खेल के प्रति उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का प्रमाण है
कि उन्हें देशभर के बेस्ट योगासन कोच का अवॉर्ड मिला है। कोमल वर्मा की इस अविश्वसनीय सफलता पर पूरा परिवार प्रफुल्लित है और उन्हें बेटी की उपलब्धि पर बधाईयां मिलने का सिलसिला लगातार जारी है।
कोमल वर्मा ने अपनी सफलता का श्रेय अपने शिक्षक पिता जगदीश खुड़िया व माता अंजू के साथ-साथ अपने बड़े पापा औम प्रकाश खुड़िया व बड़ी माता सरस्वती देवी को दिया हैै। उन्होंने कहा कि परिजनों की ओर से मिले भरपूर साथ के कारण ही वह आज इस मुकाम पर पहुंची है।
खिलाड़ियों ने लगाई मेडलों की झड़ी
कोमल वर्मा ने बताया कि वह पिछल्ले करीब डेढ़ साल से नेशनल योगा खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दे रही है। उनके प्रशिक्षण में खिलाड़ियों ने खेलों इंडिया यूथ गेम्स में 5 स्वर्ण व 5 कांस्य पदक जीते है।
गोवा में हुए खेलों में 2 स्वर्ण, 5 सिल्वर व 3 कांस्य पदक देश की झोली में डाले है। बात अगर नेशनल खेलों की करें तो कोमल वर्मा के प्रशिक्षण में खिलाड़ियों ने 7 सिल्वर व 6 कांस्य पदक जीते है। स्टेट में 28 स्वर्ण, 23 सिल्वर व 5 कांस्य पदक अपने नाम किए है।
ऐसे किया खेलना शुरू
कोमल वर्मा को बचपन में सीए बनने का शौक था और परिवार भी उनके सपने को पूरा करने में पूरी शिद्दत के साथ उसका साथ दे रहा था। लेकिन बारहवीं की पढ़ाई के दौरान कोमल वर्मा ने अपने सीनियर को अन्य खेलों को खेलते देखा तो उसने भी शौकिया तौर पर योग व अन्य खेल खेलना शुरू किए।
उनके खेल को देखकर साथी खिलाड़ियों व प्रशिक्षकों ने उन्हें योग में करियर बनाने का आह्वान किया। 12वीं के बाद कोमल वर्मा ने बीकॉम के लिए दिल्ली के एक कॉलेज में प्रवेश लिया। लेकिन कॉलेज में योगा खेल नहीं था। बाद में उन्होंने कॉलेज प्रबंधन से मिलकर कॉलेज की योगा टीम बनाई और एक योगा कोच रखा।
उन्होंने कॉलेज में योगा के अंदर यूनिवर्सिटी व इंटर यूनिवर्सिटी तक अपनी प्रतिभा दिखाई। यहां उन्हें प्रशिक्षकों ने एकडमिक की बजाए योग में अपना करियर बनाने का आह्वान किया।
इसके पश्चात उन्होंने अपना पूरा ध्यान योगा में लगाया और यूनिवर्सिटी व इंटर यूनिवर्सिटी तक योगा में खेल कौशल का लोहा मनवाया। बाद में फेडरेशन योगासन भारत ने उन्हें हरियाणा में नेशनल योगा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण के लिए कोच नियुक्त कर दिया। वर्तमान में कोमल वर्मा योगा प्रशिक्षण और अपना खेल जारी रखने के साथ-साथ पटियाला एनआईएस सेंटर से योग में डिप्लोमा कोर्स कर रही है।
पिता है जेबीटी हेड शिक्षक तो माता है गृहिणी
आपको बता दें कि नेशनल बेस्ट योगासन कोच अवॉर्ड से सम्मानित कोमल वर्मा के पिता जगदीश खुड़िया कुस्सर के राजकीय आदर्श संस्कृति प्राथमिक विद्यालय में जेबीटी हेड शिक्षक है
जबकि उनकी माता अंजू हाउस वाइफ है। वह दो बहन-भाई है। उनका भाई मंजीत कुमार सोफ्ट वेयर का कार्य करता है। कोमल की 8वीं तक की पढ़ाई घोड़ावाली के ही स्कूल में हुई है। जबकि नौवीं व दसवीं उन्होंने रानियां के एक निजी स्कूल से की है। 12वीं हिसार से की है। बीकॉम दिल्ली से की है।
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