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AGRICULTER : ग्वार विशेषज्ञ ने बताए ये टिप्स

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ग्वार फसल पर बीमारियों व कीटों से बचाव के लिए ग्वार विशेषज्ञ ने ये बताए टिप्स
नमी बढऩे से हरा तेला व सफेद मक्खी का आक्रमण शुरू हो गया है

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सेवानिवृत्त्त ग्वार वैज्ञानिक डा. बीडी यादव ने स्वास्थ्य प्रशिक्षण शिविर में किसानों को ग्वार फसल को लेकर महत्वपूर्ण जानकारी दी है।

ग्वार फसल पर स्वास्थ्य शिविर का आयोजन गांव किंगरे में कृषि विभाग ओढ़ां के एटीएम पवन यादव के तत्ववाधान में आयोजित किया गया।

कीटों व बीमारियों की ठीक से पहचान करें

ग्वार वैज्ञानिक डा. बीडी यादव ने बताया कि ग्वार फसल में कृषि रसायनों का बगैर सिफारिशशुदा का प्रयोग प्रर्यावरण व स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। अत: किसानों को कीटों व बीमारियों की ठीक से पहचान कर आवश्यकतानुसार दवाई का उचित चयन करके ही प्रयोग करना चाहिए। किसान ग्वार फसल में कीटों व फगस की बीमारियों के उपाय के बारें में कृषि वैज्ञानिकों व कृषि अधिकारी की सलाह पर दवाई का प्रयोग करें। यह बात

नमी बढऩे से हरा तेला व सफेद मक्खी

उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों सें मौसम में अधिक नमी बढऩे से हरा तेला व सफेद मक्खी का आक्रमण शुरू हो गया है। ग्वार विशेषज्ञ ने किसानों को सचेत किया कि अगर किसानों ने ग्वार की बीमारियों जैसे पत्तों का किनारी गलन रोग जिसमें पत्तों का किनारी से पीला व काला होना, जीवाणु अंगमारी व फंगस रोग को समय रहते रोकथाम नहीं कि तो ग्वार की पैदावार पर काफी असर पड़ेगा। उन्होंने यह भी बताया कि ज्यादात्तर किसान बीमारी के शुरू होने के बाद ही स्प्रे करते हैं, जब तक उनका बीमारी के कारण काफी नुकसान हो चुका होता है।

ऐसे करें बीमारियों की रोकथाम
ग्वार विशेषज्ञ डा. बीडी यादव ने गोष्ठी के दौरान किसानों को बताया कि ग्वार की बीमारियों की रोकथाम के लिए 30 ग्राम स्ट्रैप्टोसाईक्लिन व 400 ग्राम कॉपर ऑक्सीक्लोराईड को 200 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ छिडक़ाव करें। अगर इन बीमारियों के साथ हरा तेला व सफेद कीड़ों का प्रकोप हो तो उसकी रोकथाम के लिए 250 मि.ली. मैलाथियोन-50 ई.सी. या डाइमेथोएट (रोगोर) 30 ई.सी. प्रति एकड़ उपरोक्त घोल में अलग से मिलाकर पहला छिडक़ाव बिजाई के 40-45 दिन पर तथा अगला स्प्रे इसके 12-15 दिन अन्तराल पर करें।

यादव ने किसानों को स्पेशल हिदायत दी कि ग्वार के स्प्रे प्रोग्राम समय पर अपनाकर ही बीमारी का उचित नियंत्रण करके ज्यादा पैदावार ले सकते हैं। कृषि विभाग ओढ़ां के एटीएम ने किसानों को सलाह दी

कि विक्रेता से दवाई खरीदते समय पक्का बिल अवश्य लें तथा दवाई की बोतल पर समाप्ति तिथि की अवश्य जांच करें तथा बिल कटवाते समय बिल में दवाई का बैच नंबर अवश्य डलवायें। उन्होंने बीटी नरमा में सफेद मच्छर (फाका) व हरा तेला के प्रकोप तथा इलाज के बारे में किसानों को बताया।

मास्क वितरित भी किए गये ग्वार फसल:

शिविर में मौजूद 54 किसानों को स्ट्रैप्टोसाईक्लिन एक एकड़ के दो स्प्रे के लिए तथा स्प्रे के नुकसान से बचने के लिए हर किसान को हिन्दुस्तान गम् एण्ड कैमिकल्स भिवानी की तरफ  से मास्क दिए गये।

इस प्रोग्राम को आयोजित करने में सतपाल सिंह का विशेष योगदान रहा। इस अवसर पर जग्गा सिंह, राजेंद्र सिंह, हरपाल सिंह, बलविन्द्र, सुखदेव, दीदार सिंह, मलकीत सिंह, गुरूतेज, जसवंत सिंह आदि किसान मौजूद थे।

 

 

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