राजस्थान: गोगामेड़ी में स्थित गोगाजी को समर्पित देश का अनूठा मंदिर - Choptapress.com

राजस्थान: गोगामेड़ी में स्थित गोगाजी को समर्पित देश का अनूठा मंदिर

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GOGAMEDI :  राजस्थान के गोगामेड़ी (HANUMANGARH) में स्थित गोगाजी को समर्पित देश का अनूठा मंदिर है। यह मंदिर लगभग 950 वर्ष पुराना माना जाता है। इस मंदिर में दर्शन करने के लिए हिन्दु, मुसलमान सहित अनेक धर्मो के लोग पहुंचते हैं।

 

गोगाजी को राजस्थान का लोक देवता माना जाता है। 

जिनका जन्मस्थान चुरू जिले का दादरेवा गांव था। उनका जन्म राजस्थान के दादरेवा (चुरू) चौहान वंश के राजपूत शासक जबेर (जवार सिंह) की पत्नी बछल के गर्भ से हुआ था। गोगाजी गुरु गोरखनाथ के शिष्य थे।

गोगा जी के अन्य नाम:

गोगाजी को लोग सॉपो(सर्प) का देवता, गुग्गा वीर, जाहिर वीर, जाहर पीर आदि नामों से भी पुकारते हैं।

यह एक लोकमान्यता है कि सर्प दंष से प्रभावित व्यक्ति को यदि गोगाजी की मेड़ी  तक ले जाये तो वह व्यक्ति सर्प विष से मुक्त हो जाता है।

गोगामेड़ी का इतिहास

यहाँ दूर-दूर से सभी धर्मों के लोग श्रद्धासुमन अर्पित करने आते हैं। मुस्लिम समाज उन्हें जहर पीर के नाम से बुलाता है। गोगाजी एक धर्मनिरपेक्ष देवता के रूप में विराजमान हैं।

गोगामेड़ी में कैसे करें पूजा

एक मान्यता के अनुसार ददरेवा आने वाले प्रत्येक भक्त को सबसे पहले गोरख गंगा में स्नान करना चाहिए और उसी पानी से बनी खीर खानी चाहिए। जिसके बाद भक्त को गोरख टीला जाकर मंदिर में  प्रसाद चढ़ाना चाहिए।

गोगामेड़ी में दाल और प्याज के अलावा खील, बतासे भी प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है।

यहां हर साल 20-30 लाख श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं। जिनमें से ज्यादातर उत्तर प्रदेश और बिहार से आते हैं।

पंजाब से शुक्ल पक्ष में अधिक श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

गोगामेड़ी मेले का आयोजन

गोगामेड़ी में हर साल मेला लगता है। जो रक्षाबंधन के दूसरे दिन से शुरू होता है। इसमें सबसे ज्यादा भीड़ कृष्ण पक्ष की छठ, सप्तमी और अष्टमी को और शुक्ल पक्ष की छठ, सप्तमी और अष्टमी को होती है।

 

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