सावन माह काफी धर्म कर्म माह वाला होता है, इस माह का विशेष महत्व बताया गया है।
इस माह में मंगालिक कार्य नहीं होते हैं। आपको यह भी बता दें कि इस सावन माह में 13 जुलाई को कामिका एकादशी है। कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है।
इस एकादशी व्रत में भगवान विष्णु की पूजा के साथ ही साथ भगवान कृष्ण और तुलसी पूजा का भी विशेष महत्व होता है।
आपको बता देंं कि इस दिन व्रत से भगवान खुश होकर अपने भक्तों की हर प्रकार की मनोकामना पूरी होने का आशीर्वाद देते हैं। इस कामिका एकादशी व्रत से पाप खत्म जाते हैं।
उन्हें मृत्यु के बाद मोक्ष मिलता है। यह एकादशी पितृदोष से भी मुक्ति दिलाती है।
इस सावन माह में 13 जुलाई को कामिका एकादशी है, कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को कामिका एकादशी व्रत रखा जाता है। सावन माह की इस पहली एकादशी पर अनाज नहीं खाया जाता है।
व्रत में केवल पानी या दूध से बनी चीजें ही खाने का नियम होता है। भगवान की पूजा में घी का दीपक करना लाभकारी माना जाता है।
कामिका एकादशी के बारे में सबसे पहले भीष्म पितामह ने नारदजी को बताया था। फिर इस कथा को श्रीकृष्ण ने अर्जुन को विस्तार से बताई थी। इस कथा में पितामह ने श्रावण माह की एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विधान और उसके पुण्य के बारे में विस्तार से बताया था।
यह करना बहुत जरूरी
आपको यह भी बता दें कि इस व्रत में भगवान विष्णु के साथ ही तुलसी पूजा करने का भी विशेष विधान है। कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु को मंजरी सहित तुलसी पत्र अर्पित करें। भगवान विष्णु को तुलसी बहुत अच्छी है।
भगवान विष्णु हीरा मोती, सोने-चांदी से इतने खुशी नहीं होते, जो खुशी उन्हें तुलसी पत्र से मिलती है।
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