हरियाणा की सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार डा. शील कौशिक को मिला सर्वोच्च लघुकथा आलोचक सम्मान
29वें अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन में मिला सम्मान
हरियाणा के सिरसा जिले की सुप्रसिद्ध वरिष्ठ साहित्यकार डा. शील कौशिक को बड़ी उपलब्धि के रूप में लघुकथा लेखक मंच, (रजि. अमृतसर) पंजाब तथा मिन्नी त्रैमासिक द्वारा 29वें अंतर्राज्यीय लघुकथा सम्मेलन में लघुकथा के विकास एवं प्रचार-प्रसार में मौलिक लेखन तथा आलोचना के क्षेत्र में किये गए महत्वपूर्ण योगदान हेतु लघुकथा कलश पत्रिका, पटियाला से रवि प्रभाकर लघुकथा सम्मान-2022 से अलंकृत किया गया।
आपको बता दें कि यह सम्मान एक ऐसे व्यक्ति के नाम से है, जो लघुकथा के क्षेत्र में असीम सम्भावनाओं को खोजने में लगा था, जो कि असमय ही कोरोना महामारी की चपेट में आ गया। इस अवसर पर आलोचक के रूप में मंच मिला तथा लघुकथा पाठ भी किया। साथ ही उनकी सास मां की स्मृति में मिन्नी कहानी लेखक मंच से प्रतिवर्ष दिया जाने वाला माता महादेवी कौशिक स्मृति सम्मान इस बार संरचना के संपादक एवं सुप्रसिद्ध लघुकथाकार डा. कमल चौपड़ा को दिया गया।
डा. शील कौशिक
गौरतलब है कि डा. शील कौशिक हरियाणा साहित्य अकादमी से श्रेष्ठ कृति पुरस्कार, हरियाणा की श्रेष्ठ महिला रचनाकार सम्मान तथा हरियाणा साहित्य रत्न सम्मान सहित देशभर के 15 राज्यों से शताधिक सम्मान एवं पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं। उनकी 44 मौलिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। उनके साहित्य पर छात्रों द्वारा छह एमफिल व चार पीएचडी हो चुकी हैं।
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5 प्रतिष्ठित साहित्यकार उनपर पुस्तकें लिख चुके हैं तथा इनकी 5 पुस्तकों का अंग्रेजी, पंजाबी तथा राजस्थानी भाषा में अनुवाद हो चुका है। स्थानीय तथा प्रदेश के प्रतिष्ठित व वरिष्ठ साहित्यकारों ने इस उपलब्धि पर सिरसा, हरियाणा का नाम रोशन करने पर डा. शील कौशिक को बधाई प्रेषित की।
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