गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद महाराज पहुंचे श्री बाबा तारा जी कुटिया सिरसा में
बाबा जी की कुटिया पर जाकर नवाया शीश, की पूजा अर्चना
हरियाणा के सिरसा में रानिया रोड स्थित श्री बाबा तारा जी कुटिया में श्रीकृष्ण कृपा जीओ गीता परिवार के गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज शुक्रवार को पहुंचे उन्होंने श्री बाबा तारा जी कुटिया (तारकेश्वरम धाम) में अननंकोटि ब्रहमांडनायक ब्रहमलीन श्री बाबा तारा जी की समाधि पर जाकर शीश नवाया और पूजा अर्चना की। साथ ही उन्होंने विशाल शिव प्रतिमा, शिवालय के दर्शन कि
कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा के निवास श्री अलख निंरजन भवन (महल) में पहुंचे और कांडा परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद दिया। इस दौरान प्रस्तुत भजनों को सुनकर सभी श्रद्धालु आत्मविभोर हो गए।
गीता मनीषी महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज शुक्रवार सुबह लेखराज सचदेवा, सतपाल जोत, सिकंदर खट्टर, कृष्ण वधवा, राजू अरोडा, संदीप मेहता, जुगल किशोर, अंश वधवा आदि के साथ श्री बाबा तारा जी समाधि स्थल पर पहुंचे जहां पर कुटिया के मुख्य सेवक गोबिंद कांडा, उनके पुत्र धैर्य कांडा,अनिल गनेरीवाला, राजेंद्र सिंह पप्पू रांझा, नरेंद्र कटारिया, जयनंदन भाईजी, रवि सैनी, हरिप्रकाश शर्मा, प्रदीप गुप्ता, संदीप सोखल आदि ने उनका कुटिया में पधारने पर स्वागत किया।
इसके बाद महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज ने श्री बाबा तारा जी की समाधि पर जाकर शीश नवाया और पूजा अर्चना की। इसके साथ उन्होंने कुटिया में श्री बाबा तारा जी के निवास के कक्षों में जाकर शीश नवाया।
गोबिंद कांडा ने उन्हें श्री बाबा तारा जी के जीवन और उनके चमत्कारों के बारे में बताया। उन्होंने बताया कि बाबा जी इस तपोभूमि पर आकर मन को शंाति मिलती और सारी समस्याओं का समाधान होता है। रोजाना दो से तीन हजार श्रद्धालु प्रतिदिन कुटिया में आते है और साल में दो बार शिवरात्रि पर विशाल भंडारा होता है जिसमें करीब दो से ढाई लाख श्रद्धालु प्रसाद ग्रहण करते हैं। इसके बाद उन्होंने यज्ञशाला में पहुंचकर वहां से विशाल शिव प्रतिमा और शिवालय के दर्शन किए।
इसके बाद महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज कांडा निवास श्री अलख निंरजन भवन में पहुंचे। जहां पर परिवार के सदस्यों गोबिंद कांडा, सरिता कांडा, संगीता कांडा, बेबी, संगीता गर्ग, संस्कृति कांडा, विदुषी गर्ग, रेणु मित्तल, लाभांशी कांडा आदि ने उनका स्वागत किया। महाराज जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।
ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गीता का प्रचार प्रसार करना उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। इसके लिए वह भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी समय-समय पर गीता ग्रंथ का प्रचार प्रसार करने के लिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि पवित्र ग्रंथ गीता को शिक्षा के साथ जोडऩा बहुत जरूरी है। भगवान श्री कृष्ण ने गीता के उपदेश पूरी मानव जाति के लिए आज भी प्रासंगिक है। इस मौके पर अनिल गनेरीवाला ने भजन सुनाया-सांवरे से मिलने का सत्संग तो बहाना है.
चलो सत्संग में चलो वहां हरि गुण गाना है। मीरा पुकार रही है आओ मेरे बनवारी,विष भरे प्याले को अमृतमय बनाना है। बाद में
महामंडलेश्वर ज्ञानानंद जी महाराज ने-गौ सेवा और गीता पाठ, नित्य नियम से मंत्र जाप, करते रहो जब तक है सांस, सभी सुखी सभी निरोगी सब पर बरसे कृष्ण कृपा भजन सुनाया तो सभी आत्मविभोर हो गए।
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