भारत और चीन सीमा गतिरोध के बीच बड़ा फैसला लिया सरकार, ड्रैगन अब सीमा पर बेनकाब और नाकाम होंगे
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
भारत और चीन सीमा गतिरोध के बीच सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। इंडिया की प्रादेशिक सेना (टीए) ने अपने 75वें स्थापना दिवस पर मंदारिन भाषा विशेषज्ञों की भर्ती की है।
बता दें कि प्रादेशिक सेना ने युद्ध और शांति काल में देश में सेवाएं दी हैं। इसी को लेकर सूत्रों ने बताया कि 5 विशेषज्ञों का समूह सीमा कार्मिक बैठकों के दौरान इंडिया और चीन के अधिकारियों के बीच दुभाषियों की भूमिका भी निभाएगा।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही प्रादेशिक सेना कुछ साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों की नियुक्तिके संबंध में बातचीत कर रही है और उसने इसके लिए मानदंड तैयार कर लिए हैं।
भारत के इस बड़े फैसले से पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को वायु सेना दिवस के अवसर वायु सैनिकों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इनकी महान सेवा और त्याग हमारे आकाश की सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
एक सूत्र ने बताया है कि टीए की स्थापना 9 अक्टूबर 1949 को की गई थी और अब इसका 75वां स्थापना दिवस है, इस बीच देश में युद्ध और शांति काल में सेवाएं दी हैं।
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इसके साथ साथ मानवतावादी और पार्यावरण संरक्षण के कार्यों में भी अपना योगदान दिया है। सूत्रों के अनुसार बदलते समय के साथ तालमेल बैठाते हुए टीए इकाइयां भी आधुनिक हो रही हैं और मौजूदा माहौल के अनुरूप बदलने के लिए कई कदम उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा, इस वर्ष चीनी भाषा (मंदारिन) के 5 विशेषज्ञों की भर्ती ऐसा ही एक कदम है।
सूत्र ने बताया है कि इन विशेषज्ञों को नियुक्त करने की प्रथम चरण की प्रक्रिया जनवरी में शुरू हुई थी, जो कुछ माह पहले ही पूरी हुई, यह प्रक्रिया कठिन थी और इसमें मंदारिन भाषा में विशेषज्ञता रखने वाले विभिन्न उम्मीदवारों की लिखित और मौखिक परीक्षाएं ली गई थी।
भारत-चीन गतिरोध के बीच बड़ा फैसला
आपको बता दें कि नियुक्त किए गए इन एक्सपर्ट्स की औसत आयु 30 वर्ष है, एक अन्य सूत्र ने कहा कि ये व्यक्ति सीमा कार्मिक बैठकों के दौरान भारत और चीन के अधिकारियों के बीच दुभाषियों की भूमिका निभाएंगे।
लेकिन इन्हें बीपीएमएस के अलावा अन्य नौकरियों में भी पदस्थ किया जा सकता है। यह कदम भारत और चीन के बीच लंबे समय से जारी गतिरोध के बीच उठाया गया है।
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