कारगिल लड़ाई में देश के सत्यनारायण ने तोप से दागे थे गोले
देश सेवा के बाद आज बैंक से 24 साल की सेवा के बाद हुए रिटायर्ड
सिरसा के गांव रूपाना खुर्द निवासी सत्यनारायण ने वर्ष १999 में हुई कारगिल लड़ाई के अंदर अपना अहम योगदान दिया। उन्होंने १९ साल तक सेना के अंदर नौकरी कर देश सेवा। इसके बाद बैंक आफ बड़ौदा में अपनी सेवाएं शुरू। इसके बाद वीरवार को अपनी 24 साल की सेवाएं के बाद रिटायर्ड हो गये। उन्हें डीजीएम व बैंक मैनेजर अमित यादव ने रिटायर्ड होने पर सम्मानित किया।
जनवरी १९8१ में हुए भर्ती
सत्यनारायण ने जनवरी १९8१ के अंदर भारतीय सेना में भर्ती हुए। इसके बाद देश में अलग अलग स्थानों पर नौकरी की। इसके बाद उन्होंने वर्ष १999 के अंदर कारगिल की लड़ाई हुई। उस दौरान उनकी ड्यूटी कपुआड़ा के अंदर थी। वहां पर उन्होंने तोप खाने में ड्यूटी के दौरान गोले दागने का कार्य किया।
उन्होंने बताया तोप खाने से 30 किलोमीटर तक तोप से गोले दागे। जब कारगिल में जीत हुई तो बहुत खुशी मिली। इस लड़ाई के दो माह बाद सेना से हवालदार के पद से रिटायर्ड हो गये। इसके बाद बैंक आफ बडौदा में अपनी सेवाएं देनी शुरू की। वीरवार को वहां से रिटायर्ड हो गये।
सेना में नौकरी कर खुशी मिली
सत्यनारायण ने कहा कि बचपन से ही सेना में भर्ती होने की तमन्ना था। जब सेना में नौकरी मिली तो बहुत खुशी मिली। सेना में देश के लिए खुशी से नौकरी की। आज बैंक से भी रिटायर्ड हो गया। अब परिवार के साथ पूरा समय बीताने का कार्य करूंगा। वहीं समाज सेवा में अपना योगदान दूंगा।
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