बता दें कि इस बैठक में सेक्टर, मण्डल, ब्लॉक, संगठन बनाने के बारे में कांग्रेसजनों से सुझाव एवं विचार-विमर्श लिए जाने थे। इसके साथ-साथ बैठक में सभी मंडलों और ब्लॉकों में भी बैठक करने की रूपरेखा तैयार करने का एजेंडा था, लेकिन बैठक के शुरू होने से पहले ही हुड्डा व शैलजा गुट समर्थकों ने एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर माहौल को गर्म कर दिया।
इसके बाद तो देखते ही देखते मीटिंग कक्ष दोनों पक्षों के नारों से गुंजायमान हो गया। हालांकि इस दौरान कुछ वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं व पदाधिकारियों ने मौके की नजाकत को देखते हुए माहौल को ठंडा करने के भरसक प्रयास किए,.
लेकिन दोनों ही गुट के समर्थक इस बात पर राजी नहीं हुए। दोनों गुटों द्वारा की गई ये हरकत इंटर मीडिया पर जमकर वायरल हुई और पार्टी में चल रही गुटबाजी खुलकर सामने आ गई। हालांकि इसके बाद मीटिंग लेने आए नेताओं ने अलग-अलग ब्लॉक स्तर के पदाधिकारियों से मीटिंग कर फीड बैक लिया, लेकिन पार्टी पदाधिकारियों की हरकतों को देखकर वे जरा भी संतुष्ट नहीं हुए।
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आपको बता दें कि हालांकि ये पहला अवसर नहीं है, जब इस प्रकार की स्थिति पैदा हुई है। अकेले सिरसा ही नहीं हरियाणा के कई जिलों में हुड्डा व शैलजा गुट के समर्थकों में इस प्रकार की झड़प हो चुकी है.
लेकिन हाईकमान इतना कुछ होने के बाद भी सबकुछ देख रहा है। पार्टी हाईकमान इस पर क्या एक्शन लेगा, ये तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन पार्टी में चल रही गुटबाजी की अटकलों को इस बैठक ने आईने की तरफ साफ कर दिया है।