हरियाणा: विधानसभा सत्र में बीमा क्लेम के लिए किसानों को जान जोखिम में डालने और बाढ़ पर लापरवाही बताई कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला ने
गांव नारायण खेड़ा में बीमा क्लेम को लेकर 16 दिन पानी की टंकी पर चढ़े चार किसानों का भी किया जिक्र
हरियाणा विधानसभा में मानसून सत्र शुक्रवार को शुरू हुआ। इसमें कालांवाली के विधायक शीशपाल केहरवाला ने बीमा क्लेम के लिए किसानों को जान जोखिम में डालने और बाढ़ पर लापरवाही बताई। उन्होंने जिक्र किया कि पिछले दिनों सिरसा जिले के गांव नारायण खेड़ा में पानी की टंकी पर चार किसान बीमा क्लेम की मांग को लेकर चढ़े। नीचे हजारों किसान धरना पर बैठे। देश के प्रधानमंत्री व कैबिनेट किसानों को हकों के लिए फसलें खराब होने पर राहत देने की बात कहते हैं। आज मुआवजें के लिए किसानों को पानी की टंकी पर चढऩे पर मजबूर हो रहे हैं। सरकार इस पर कोई कदम उठाया जाए।
बाढ़ आई क्यों, हमने बार बार मुख्यमंत्री से कहा कि घग्घर नदी में से नहर निकाली जाए। दूसरी माइनर निकाली जा सकती है। ओटू हेड पर खुदाई की जाए। रानियां व ऐलनाबाद हलका में बाढ़ का कारण सरकार की नाकामी के कारण बाढ़ आई है।
आपको बता दें कि हरियाणा में सिरसा जिले में वर्ष 2022 का बीमा क्लेम की मांग को लेकर सिरसा के गांव नारायण खेड़ा में पेयजल केंद्र में बनी 150 फीट पानी की टंकी पर 4 किसान पिछले 16 दिन तक चढ़े रहे। किसानों ने नेशनल हाइवे जाम भी एक दिन जाम रखा। किसान भरत सिंह ने बताया कि बीमा क्लेम नहीं मिलने से किसानों को काफी परेशानी झेलनी पड़ी। इसी को लेकर मजबूरी में पानी की टंकी पर चढ़े।