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डीजल गाडिय़ों पर क्या सही में बढ़ जाएगी 10% GST

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डीजल गाडिय़ों पर क्या सही में बढ़ जाएगी 10% GST, केंद्रीय मंत्री NITIN GADKARI ने दिया स्पष्टीकरण

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डीजल इंजन वाली गाडिय़ों पर जीएसटी बढ़ सकती है। इसी को लेकर डीजल इंजन वाली गाडिय़ों पर 10 % अतिरिक्त GST के प्रस्ताव पर केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी का टिप्पणी सामने आने के तुरंत बाद, उन्होंने ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इनकार कर दिया है।

आपको बता दें कि केंद्रीय मंत्री ने स्पष्टीकरण देने के लिए इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म x (पहले ट्विटर) का सहारा लिया है। उन्होने पोस्ट करते हुए कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन नहीं है।

ये है मामला

जैसा कि हमने आपको पहले बताया था कि देश के केंद्रीय सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन डीजल वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त GST लगाने के लिए वित्त मंत्री को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करेंगे। इस रणनीति के पीछे का विचार वाहन निर्माताओं को इंडिया में डीजल इंजन से चलने वाले वाहनों के निर्माण और बिक्री से हतोत्साहित करना था। उन्होंने यह भी कहा कि अगर ऑटो इंडस्ट्री ने डीजल कारें बनाना बंद नहीं किया तो सरकार इस तरह टैक्स बढ़ा देगी जिससे डीजल गाडय़िां बेचना मुश्किल हो जाएगा।

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इसके बाद हालांकि कुछ देर बाद ही उन्होने अपने इस फैसले से इनकार कर दिया है।इससे पहले समाचार एजेंसी पीटीआई ने समाचार दिया कि डीजल कारों पर 10 % टैक्स के प्रस्ताव के बारे में बोलते हुए, गडकरी ने कहा कि इंडियन वाहन बेड़े में डीजल इंजन की हिस्सेदारी 2014 में 63 प्रतिशत से घटकर 2023 में 18 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कथित तौर पर यह भी कहा कि डीजल एक खतरनाक ईंधन है और  इंडिया इसका एक बड़ा आयात क भी है।

 

 उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने अपने इंटरनेट मीडिया पोस्ट में लिखा

 

डीजल वाहनों की बिक्री पर 10%अतिरिक्त  GST का सुझाव देने वाली मीडिया रिपोर्ट्स को स्पष्ट करने की तत्काल आवश्यकता है। यह स्पष्ट करना आवश्यक है कि केंद्र सरकार द्वारा वर्तमान में ऐसा कोई प्रस्ताव सक्रिय विचाराधीन नहीं है।

2070 तक कार्बन नेट जीरो हासिल करने और डीजल जैसे खतरनाक ईंधन के कारण होने वाले वायु प्रदूषण के स्तर को कम करने के साथ-साथ ऑटोमोबाइल बिक्री में तेजी से वृद्धि के लिए हमारी प्रतिबद्धताओं के अनुरूप, सक्रिय रूप से स्वच्छ और हरित वैकल्पिक ईंधन को अपनाना जरूरी है। ये ईंधन आयात के विकल्प, लागत प्रभावी, स्वदेशी और प्रदूषण मुक्त होने चाहिए।

 

 

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