प्राचीन शनिदेव मंदिर में शनि अमावस्या महोत्सव 14 को - Choptapress.com

प्राचीन शनिदेव मंदिर में शनि अमावस्या महोत्सव 14 को

SHANI DEV JI
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प्राचीन शनिदेव मंदिर में शनि अमावस्या महोत्सव 14 को

अश्विन मास के पितृपक्ष यानि श्राद्ध पक्ष में पड़ने वाली शनैश्चरी अमावस्या के अवसर पर नोहरिया बाजार स्थित प्राचीन शनिदेव मंदिर में शनि अमावस्या महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।

हरियाणा के सिरसा में प्राचीन शनि मंदिर से लोगों की काफी आस्था है। इस मंदिर में सुबह से शाम तक भक्तों का तांता लगा रहता है। अश्विन मास के पितृपक्ष यानि श्राद्ध पक्ष में पडऩे वाली शनैश्चरी अमावस्या पर नोहरिया बाजार स्थित इस प्राचीन शनिदेव मंदिर में शनि अमावस्या महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। आगामी 14 अक्टूबर शनिवार को शनैश्चरी अमावस्या है।

दान कर्म का विशेष महत्व

श्राद्ध पक्ष में पड़ने वाली इस अमावस्या में दान कर्म का विशेष महत्व होता है तथा पितृलोक में पूर्वज प्रसन्न होते हैं। आपको बता दें कि श्राद्ध पक्ष में पडऩे वाली इस अमावस्या में दान कर्म का विशेष महत्व होता है तथा पितृलोक में पूर्वज प्रसन्न होते हैं।

मंदिर पुजारी दीपक भार्गव ने बताया कि श्री शनिदेव मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा शनि भक्तों के सहयोग से शनैश्वरी अमावस्या को लेकर मंदिर में शनि तेल स्नान, पूजन व भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

 

यह जानकारी देते हुए मंदिर पुजारी दीपक भार्गव ने बताया कि श्री शनिदेव मंदिर चेरिटेबल ट्रस्ट के द्वारा शनि भक्तों के सहयोग से शनैश्वरी अमावस्या के अवसर पर मंदिर में शनि तेल स्नान, पूजन व भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

 

उन्होंने बताया कि प्राचीन शनिदेव मंदिर हरियाणा प्रदेश के प्राचीनतम शनिमंदिरों में से है और यह करीब 245 वर्ष पुराना है। वर्तमान में नगरवासियों के सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य चल रहा है।

प्राचीन शनिदेव मंदिर

उन्होंने बताया कि इस प्राचीन शनिदेव मंदिर हरियाणा प्रदेश के प्राचीनतम शनि मंदिरों में से है और यह करीब 245 साल पुराना है। वर्तमान में नगरवासियों के सहयोग से मंदिर का जीर्णोद्धार काम चल रहा है।

 

श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर शनि अमावस्या महोत्सव में भाग लें तथा मंदिर निर्माण कार्य में यथा संभव सहयोग करेंं। उन्होंने बताया कि मंदिर में भगवान शनिदेव जी के 245 वर्ष पुराने गज(हाथी) पर सवार दिव्य स्वरूप विराजमान है जो अति शुभकारी फल देने वाला है।

 

 

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श्राद्ध पक्ष की अमावस्या पर शनि अमावस्या महोत्सव में भाग लें तथा मंदिर निर्माण कार्य में यथा संभव सहयोग दें। उन्होंने बताया कि मंदिर में भगवान शनिदेव जी के 245 वर्ष पुराने गज(हाथी) पर सवार दिव्य स्वरूप विराजमान है जो अति शुभकारी फल देने वाला है।

 

 

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